Article 370 के पक्ष और विपक्ष में बोलने वालों की कोई कमी नहीं है। दोनों के पास ही अपने अपने तर्क है। इसलिए हमेशा से Article 370 विवादास्पद मुद्दा बना हुआ हैं।
जम्मू कश्मीर में पहली बार अंतरिम सरकार बनाने वाले नेशनल कोंग्रेस के नेता सेख़ अब्दुला ने भारतीय संविधान सभा से बाहर रहने की पेशकश की थी।इसके बाद भारतीय संविधान में धारा 370 का प्रावधान किया गया ।जिसके अनुसार जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार दिए गए। 1951 में राज्य को सविंधान सभा को अलग से बुलाने की अनुमति दी गई।
*जम्मू कश्मीर में लागू होने वाले कुछ विशेष तथ्य:
1. जम्मू कश्मीर में रहने वाले व्यक्ति को दोहरी नागरिकता प्राप्त होती है , पहली जम्मू कश्मीर की तथा दूसरी भारत की।
2. जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग राष्ट्रीय ध्वज होता है।
3. अगर आप जम्मू कश्मीर जाकर भारत के तिरंगे का अपमान कर देते है तो वहा इसे अपराध नहीं माना जाता है।
4. सुप्रीम कोर्ट का आदेश जम्मू कश्मीर में मान्य नहीं है।
5. भारतीय संविधान की धारा 360 जो कि वित्तीय आपातकाल से संबंधित है ये जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होती है।
6.किसी भी प्रकार के मूल कर्तव्य जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते हैं।
7.अगर जम्मू कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी व्यक्ति से शादी करती है तो उसकी जम्मू कश्मीर की नागरिकता समाप्त हो जाती है। लेकिन अगर जम्मू कश्मीर की महिला पाकिस्तानी व्यक्ति से विवाह करे तो उस व्यक्ति को भी जम्मू कश्मीर की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।
8.Article 370 के तहत जम्मू कश्मीर में RTI लागू नहीं होता है।
9. जम्मू कश्मीर में पंचायत का कोई प्रावधान नहीं है।
10. बाहर का कोई भी व्यक्ति जम्मू कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकता है।